VERY EFFECTIVE HOMOPATIC MEDICINE FOR FEVER, VIRAL & INFLUENZA
Pyrexia or fever is the result of reaction of chick’s body to infection due to virus (Ranikhet, 113, Influenza and Gumboro) Bacteria (E.coli, Salmonella, Pasteurella, Haemophilus) amd Protozoa (Coccidiosis) Fever can also result from very high environment temperature (44-47°C) or very low (below 20°C) Due to fever birds are not able to move, refuse to take feed and water and can result into death. It is therefore essential to tackle pyrexia or fever with the help of Pyritox-H So that birds can take feed and water. It will be very useful if followed by specific treatment for various infections mentioned above like OCERD-H for CRD, GUMBO-ROK for GUMBORO and antibiotic for bacterial diseases and OCECOX-H for COCCIDIOSIS. For quick relief from fever use pyritox-H in Poultry.
(मुर्गीयों में बुखार , वायरल , इन्फ्लूजा के बचाव व इलाज की प्रभावी होम्योपैथधिक औषिधि)
पाइरेक्सीया या बुखार चूजे के शरीर में विभिन्न कारणों से पैदा हो सकता है। मुख्यत: यह तरह-तरह के रोग जैसे विषाणु (रानीखेत, आई.बी. इन्फ्लूजा, गम्बोरो), कीटाणु (ई. कोलाई , सालमोनेला, पास्चूरेला एवं हिमाफिलस) प्राटोजोआ जैसे कॉक्सी इत्यादि के संक्रमण से पैदा होता है। इसके अतिरिक्त वातावरण के प्रकोप, बहुत अधिक तापमान (44-47C) या बहुत कम (20C) से भी बुखार पैदा हो सकता है।
बुखार के कारण चुजे खाना-पीना छोड़ देते है तथा चलते फिरते भी नहीं है और वे मर जाते है। अत: ऊपर लिखित बीमारियों में बुखार का असर कम करने के लिए पायरीटॉक्स-एच का प्रयोग करें। जिससे मुर्गीयाँ पानी और दाना ले सकेगे और साथ में यदि इन बीमारियों की दवा दी जाती है तो उसका ज्यादा और तुरन्त असर शुरू होगा। अतः ऊपर लिखित समस्याओं में पायरीटॉक्स-एच के बाद जैसे गम्बो-रोक, ओसीआरडी-एच अथवा का ओसीकोक्क्स-एच बीमारियों के मुताबिक दी जाये मुर्गीयों को ज्यादा राहत मिलेगी और वे जल्दी ठीक होंगी। अतः बुखार की समस्या में तुरन्त आराम के लिये पायरीटॉक्स-एच का प्रयोग करें।
उपयोग: बुखार , बैक्टीरियल, वायरल, प्रोटोजोअल तथा अन्य संकमण के कारण निमोनिया, हीट व कोल्ड स्ट्राक।
लाभ: 1.कोई दुष्प्रभाव नहीं। 2. कोई औषध-विरोध उत्पन्न नहीं होता है। 3. रोग प्रतिरोधक क्षमता के अर.” हि
विकास में बाधक नहीं। 4. अच्छी एफ.सी.आर. और ग्रोथ मिलती है 5. सुरक्षित व सस्ता इलाज। ता ही
खुराक: 100 मुर्गियों के लिए 5-7 मि.ली., 2-3 घण्टे पीने के पानी में दिन में दो बार सुबह/शाम (3-5 दिन) या पशु चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग करें। या सफेद ब्रेड को दवा के पानी में भीगाकर मुर्गीयों को खाने के लिए दें।
नोट: सही तरीके से पानी में मिलाना बहुत जरूरी है.