VERY EFFECTIVE HOMEOPATHIC MEDICINE FOR DIARRHOEA
DIARRHOEA is the symptom in which stools are copious, watery and when it is mixed with blood and mucous it is called dysentery In both the symptoms the anal or cloacal region of the birds may be soiled and the fowls are out of condition, though not as greatly prostrated as in cholera. there are so many causes of diarrhoea in birds such as faulty feed, unhygenic water, over feeding, too many worms, deficiency of lime or gravel necessary for digestion. another important condition is coccidiosis when blood comes in faces is clearly seen in caecal cocci while in other forms it may not be clearly known but there are weight losses in broilers.
मुर्गीयों में दस्त रोग के बचाव व इलाज की प्रभावी होम्योपैथिक औषधि)
मल का अत्यधिक तथा पनीला होना दस्त कहलाता है। जबकि उसमें खून व ऑव का आना पेचिश कहलाता है। दोनों ही लक्षणों में गुदाद्वार गंदा हो जाता है तथा मुर्गियों थकी हुई सी दिखती है। परन्तु उतनी नही जितनी कि हैजे में होती है। मुर्गियों में दस्त कई कारणों से हो सकते हैं, इसके प्रमुख कारण है: गलत भोजन,आवश्यकता से अधिक खाना, गंदा पानी, अधिक मात्रा में कमि, कैल्शियम की ) कमी इत्यादि जिनमें प्रमुख हैं:-कॉक्सी-जिसमें बीटों में खून से पहचान होती है | परन्तु इसकी कई प्रजातियाँ और भी है जिसमें खून नहीं आता, परन्तु ब्रायलर में वजन कम बनता है और दस्त भी रहते हैं।
लाभ :1. कोई दुष्प्रभाव नहीं। 2. कोई औषधि-विरोध उत्पन्न नहीं होता है। 3. रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में बाधक नहीं। 4. अच्छी एफ.सी.आर. और ग्रोथ मिलती है 5. सुरक्षित व सस्ता इलाज।
खुराक : 100 मुर्गियों के लिए 5-7 मि.ली. , 2-3 घण्टे पीने के पानी में दिन में दो बार बह/शास (3-5 दिन)। या सफेद ब्रेड को दवा के पानी में भीगों कर मुर्गीयों को खाने के लिए दें। (या पशु चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग करें।)
पैकिंग: 200 मिली., 450 मिली.
नोट: सही तरीके से पानी में मिलाना बहुत जरूरी है