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OCE POX

Advantage: 1.No side effects 2. No drug-resistance 3. No interference with immunity development. 4. Better FCR & growth rate 5. Safe & economical therapy.

Dosage : For 100 birds 5-7 ml. 2-3 hour in drinking water twice (Morning/evening) for 3-5 days. or by soaking pieces of white bread in medicated water and feed them to the birds. or as directed by the veterinarian.

Pack: 200ml, 450 ml

Category:

VERY EFFECTIVE HOMEOPATHIC MEDICINE FOR FOWL PDX/AVIAN PDX

FOWL PDX is a viral disease and can be transmitted by even bite of mosquitoes. Disease is recognized by pock lesions which occur on comb, wattles and near beak in fowls and pigeons. Initially these lesions are pink focal papules and in later stage become black scab like lesions. It is generally of two types that is skin form and diphtheritic form. In diphtheritic form, mucosa of pharynx and trachea may be involved. There is drop in egg production in laying birds. For prevention, vaccination is recommended around 8 weeks of age. Once the disease occurs, there is no allopathic cure as it is viral infection, however, homeopathic treatment using OCE PDX can be quite beneficial.

( मुर्गीयों में चेचक/ माता रोग के बचाव व इलाज की प्रभावी होम्योपेधिक औषधि)

यह एक वॉयरल बीमारी है तथा यह मच्छरों के काटने पर भी हो सकती है। जो अण्डे देने वाली मुर्गियों के अलावा दूसरे पक्षियों जैसे कबूतर आदि में भी होती है। मुर्गियों में कलंगी, गलधानी एवं चोंच के आसपास ओशिपोक्स. इस चेचक के लक्षण दिखते हैं जो पहले लाल होते हैं और बाद में काले रंग के हो जाते हैं। कबूतरों में चोंच आँख के आसपास काफी लक्षण नजर आते हैं जो करीब दो हफ्तों तक चमड़ी पर बने रहते हैं। पक्षी खाना-पीना कम कर देते हैं तथा अधिक संक्रामक बीमारी में मृत्यु भी हो जाती है, जिसमें सॉस की नली में इसके लक्षण पैदा हो जाते हैं तथा अण्डों का उत्पादन भी कम हो जाता है। बचाव का टीका मुर्गियों के लिए मिलता है जो 8 हफ्ते की उप्र में लगाया जाता है। इसके बावजूद भी कई बार बीमारी हो जाए तो ओसी पॉक्स के प्रयोग से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। अतः बीमार पक्षियों को स्वस्थ पक्षियों से अलग करें तो अच्छा रहेगा। क्योंकि कि यह छआछूत की बीमारी है।

लाभ :1. कोई दुष्प्रभाव नहीं।   2. कोई औषधि-विरोध उत्पन्न नहीं होता है।    3. रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में

बाधक नहीं।         4, अच्छी एफ.सी.आर. और ग्रोथ मिलती है                    5. सुरक्षित व सस्ता इलाज।

 

खुराक :100 मुर्गियों के लिए 5-7 मि.ली., 2-3 घण्टे पीने के पानी में. दिन में दो बार सुबह/शाम (3-5 दिन)। या सफेद ब्रेड को दवा के पानी में भीगों कर मुर्गीयों को खाने के लिए दें। या पशु चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग करें।

पैकिंग: 200 मिली. , 450 मिली,

नोट: सही तरीके से पानी में मिलाना बहुत जरूरी है